#Hindi Quote

उदास करती है मुझे हर रोज़ ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे-धीरे…!!

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आप चाहें जिस भी वस्तु की इच्छा करो, वह आपको आपके अपेक्षित रूप में नहीं मिलेगी. – हारुकि मुराकामी
जुबान सुधर जाए तो जीवन सुधरने में वक़्त नहीं लगता।
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना
लगता है आज जिंदगी कुछ ख़फ़ा है, चलिए छोड़िये कौन-सी पहली दफ़ा है।
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
उदास कर जाती है मुझे हर रोज ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे धीरे
जो लोग दर्द को समझते हैं वो लोग कभी दर्द की वजह नहीं बनते
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से
उदास लोगो की मुस्कुराहट सबसे खूबसूरत होती