#Hindi Quote

इन फासलों के पीछे सब फैसले तुम्हारे थे.

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ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया.
अभी धूप निकलने के बाद भी जो सोया है ! वो ज़रूर तेरी याद में रातभर रोया है.
जिंदगी कैसे अजीब हो गई हैं, खुश दिखना खुश होने से ज्यादा जरुरी हो गया हैं.
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने.
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा थाहमीं सो गए दास्तां कहते-कहते
कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.
हँसकर दर्द छुपाने का हुनर मशहूर था मेरा ! पर कोई हुनर काम न आया जब तेरा नाम आया.
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.
बल्कि फैसले लेकर मैं खुद उन्हें सही कर देता हूँ। (रतन टाटा)
सही फैसले लेने वाले कभी मुड़कर नहीं देखते, बस आगे बढ़ते जाते हैं।