#Hindi Quote

क्यां हुआ जो हम अब अजनबी बन गए, इतनी जल्दी दूरियाँ बढ़ गई

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हर ठोकर इस बात की चेतावनी देती है, की अब संभाल जाओ
हालातो ने खो दी इस चहेरे की मुस्कान, वरना जहां बैठते थे रौनक ला दिया करते थे
आंसूं किसी के दुःख को समझता नहीं है, और न ही किसी की ख़ुशी को
तुम्हारे बगीचे में भी खुशबु रहती है, मेरे रोग में भी भरोसा रहता है
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते है, क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता
दिल के रिश्ते तो किस्मत से मिलते है, वरना मुलाक़ात तो हजारो से होती है
हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
उदास कर जाती है मुझे हर रोज ये शाम, ऐसा लगता है जैसे कोई भुला रहा है धीरे धीरे
दुश्मन से ज्यादा खतरनाक वो है, जो दोस्त बनाकर धोखा देते है
तेरा इंतजार करता हूँ रोज रातों में, खुद को सांसों में समेटा हुआ देखता हूँ