#Hindi Quote

ख़ुदा के वास्ते मौक़ा न दे शिकायत का कि दोस्ती की तरह दुश्मनी निभाया कर

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आज खुदा ने मुझसे कहा भुला क्यों नहीं देते उसे मैंने कहा इतनी फिक्र है तो मिला क्यों नहीं देते !
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं है
ये शिकायत नहीं तजुर्बा हैं ज़नाब की, क़द्र करने वालो की कोई क़द्र नहीं होती!
नहीं बदल सकते हम खुदको औरों के हिसाब से, एक लिबास मुझे भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब ।
सिर्फ मैं हाथ थाम सकूँ उसका, मुझ पे इतनी इबादत सी कर दे, वो रह ना पाऐ एक पल भी मेरे बिन, ऐ खुदा तू उसको मेरी आदत सी कर दे.
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है दोस्तों ने भी क्या कमी की है
हम को यारों ने याद भी न रखा जौन' यारों के यार थे हम तो
अगर तुम्हारी अना ही का है सवाल तो फिर चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए
फ़रियाद कर रही है तरसी हुई निगाह, किसी को देखे हुए अरसा हो गया है।
हटाए थे जो राह से दोस्तों की वो पत्थर मिरे घर में आने लगे हैं