#Hindi Quote
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भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर
मुझे दोस्त कहने वाले ज़रा दोस्ती निभा दे ये मुतालबा है हक़ का कोई इल्तिजा नहीं
हमें उनकी छाया में चलकर उनकी छाया बनना है। ख़ुशी के लिए हमें दर्द से भी लड़ना पड़ता है. मैं उसका भाई होने पर गर्व कैसे नहीं कर सकता? मेरे जुगनू को जलाने वाली एकमात्र मेरी बहन है
आ गया ‘जौहर’ अजब उल्टा ज़माना क्या कहें दोस्त वो करते हैं बातें जो अदू करते
दोस्त दो-चार निकलते हैं कहीं लाखों में जितने होते हैं सिवा उतने ही कम होते
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या किया रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते
जो अपने आप को रातों रात बदलते हैं, वही दिन के उजाले में चमकते हैं!
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह कोई चारासाज़ होता कोई ग़म-गुसार
दोस्ती ख़्वाब है और ख़्वाब की ता’बीर भी है रिश्ता-ए-इश्क़ भी है याद की ज़ंजीर भी
जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।।