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ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है ! न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया.

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हर नया दिन एक नया मौका है, अपने लक्ष्य के करीब जाने का ।
किसी ने बहुत अच्छी बात कही है… मैं तुम्हें इसलिए सलाह नहीं दे रहा कि मैं ज़्यादा समझदार हूँ, बल्कि इसलिए दे रहा हूँ कि मैंने ज़िंदगी में ग़लतियाँ तुमसे ज़्यादा की हैं।
मैं हमेशा डरता था उसे खोने से ! उसने ये डर ही ख़त्म कर दिया मुझे छोड़कर.
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते है, क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता
कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.
यूँ सिमट गया मेरा प्यार चंद अल्फाज़ो में ! जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं.
सच्ची बात को जान लेने का नाम ज्ञान है, जो अपनी मेहनत से कुछ कर दिखाएं वही महान है।
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत राह पर चल रहे हैं– स्वामी विवेकानंद
जिंदगी रेल सी गुजर रही हैं, उम्मीदे स्टेशन सी छूट रहीं हैं.