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उम्मीद से बढ़कर निकली तुम तो ! मैंने तो सोचा था दिल ही तोड़ोगी तुमने तो मुझे ही तोड़ दिया

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कोई सिखादे मुझे भी अपने वादों से मुक़र जाना ! बहुत थक चुका हूँ निभाते-निभाते.
कुछ रिश्ते इतने अजीब होते हैं कि उन्हें तोड़ने वाला टूटने वाले से ज्यादा रोता है.
वह व्यक्ति कुछ नहीं पा सकता जिसने उम्मीद खो दी है….
उम्मीद छोड़ी हैं तुमसे मोहब्बत नहीं.
लोग कहते हैं हमसे तुम बहुत बदल गए हो ! तो अब क्या टूटे हुए पत्ते रंग भी न बदलें.
अगर आप किसी से कुछ भी उम्मीद नहीं करते हैं तो आप कभी निराश नहीं होते
जीत की उम्मीद रखते हो बहाने बनाके चलने का शौक है क्या।
उम्मीद की बस एक किरण ही काफी है आपकी आँखों में आयी
हर नया दिन एक नई उम्मीद लेकर आता है, उसे गले लगाएं और आगे बढ़ें।
हँसकर दर्द छुपाने का हुनर मशहूर था मेरा ! पर कोई हुनर काम न आया जब तेरा नाम आया.