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इंसान अपनी कमाई के हिसाब से नहीं, अपनी ज़रूरत के हिसाब से गरीब होता
मुस्कुराते इंसान की कभी जेबें टटोलना, हो सकता है उसका रुमाल गिला मिले.
मैदान में हारा हुआ इंसान फिर से जीत सकता है, लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता।
किस्मत की लकीरों पर ऐतबार करना छोड़ दिया, जब इंसान बदल सकते हैं तो किस्मत क्यों नहीं
इंसान एक ऐसा ग़ाफिल मंसूबा साज़ है कि वह अपनी सारी जिंदगी की प्लानिंग में कभी अपनी मौत को शामिल ही नहीं करता।
सोचो कितनी खूबसूरत होगी जिंदगी। जब दोस्त, मोहब्बत और हमसफ़र तीनो एक ही इंसान हो ।
सभी को खुश तो भगवान भी नहीं रख सकता फिर आप तो केवल एक इंसान हैं।
बहुत अनमोल वचन है ये कि किसी को कभी दुख न पहुंचाना। – सुप्रभात
परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो, अगर मन में ठान लो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं।
चुपके से एक दिन रख आऊं, सभी खुशियां उनके सिरहाने में, जिन्होंने एक अरसा बिता दिया, मुझे बेहतर इंसान बनाने में।