#Quote

सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !

Facebook
Twitter
More Quotes
सुनो ! तुम मेरी वो आदत हो, जिसे मैं चाह कर भी नहीं छोड़ सकता !
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई, तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ नजर आती है !
क्यूंकि इस दुनिया की तो राह में रोड़ा अटकाने की आदत है।
सिर्फ मैं हाथ थाम सकूँ उसका, मुझ पे इतनी इबादत सी कर दे, वो रह ना पाऐ एक पल भी मेरे बिन, ऐ खुदा तू उसको मेरी आदत सी कर दे.
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदत बदल सकते हैं
आपकी आदत बदलने की इच्छा, आपके वही रहने की इच्छा से बड़ी होनी चाहिए I
सात फेरों से तो, महज शरीर पर हक मिलते हैं, आत्मा में हक तो रूह के फेरों से मिलते हैं !
प्यार ही वह शक्ति है जो हमें जीवन के सभी संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा देती है। प्रेम के बिना, जीवन एक सूनी रेगिस्तान बन जाता है।
तुम्हें देखा तो मोहब्बत भी समझ आई, वरना इस लफ्ज़ की तारीफ सिर्फ ही सुना करता था मैं !
लोग अक्सर पूछते हैं मेरी खुशियों का राज, इजाजत दो तो आपका नाम बता दूं !