#Quote

तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं। रात भी आई थी, और चांद भी था। हाँ मगर नींद नहीं।

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इक ज़रा चेहरा उधर कीजे, इनायत होगी आप को देख के। बड़ी देर से मेरी सांस रुकी है।
हमें उम्र से हमने तुमको चाहा है, जिस उम्र में हम जिस्म से वकीफ ना थे..
मैं हर रात की ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता, हुन मगर रोज सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती हैं.
हमारे पास एक विकल्प है या तो हम अपने भविष्य को आकार दे सकते हैं, या घटनाओं को हमारे लिए आकार दे सकते हैं।
थोड़ा सा हसाके, थोड़ा सा रुलाके, पल ये भी जाने वाला है।
ना चांद की चाहत ना सितारों की फरमाइश, हर जन्म में तू मिले मेरी बस यही ख्वाहिश !
परिवर्तन कभी आसान नहीं होता, लेकिन हमेशा संभव होता है।
सूरज और चांद की ख्वाहिश नहीं मुझे, जहां दिल को सुकून मिले वहीं मेरे खुदा का दर है।
हर जीवन को अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने का मौका दिया जाना चाहिए – कि हर जीवन मायने रखता है।
ज़िंदगी की लंबाई नहीं, बल्कि गहराई मायने रखती है।