#Quote

एक पर्व ही बताता है कि ख्याल कितना है, वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तों में।

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थोड़ा सा हसाके, थोड़ा सा रुलाके, पल ये भी जाने वाला है।
पैसे को दिमाग में नही जेब मे रखना चाहये, रिश्तों को खुले में नही दिलों में रखना चाहिये!
थोड़ा है, थोड़ी की जरूरत है। जिंदगी फिर भी यहां खूबसूरत है।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका.
कभी तो चौक के देखे कोई इंसान तरफ, किसी की आंख में हमको भी इंतजार दिखे।
पतझड़ में ही रिश्तों की परख होती है, बारिश में तो हर पत्ता हरा ही दिखता है
सोचा न था जिंदगी ऐसे फिर से मिलेगी, जीने के लिए आंखों को प्यार लगेगी अपने ही आंसू पीने के लिए।
जब रास्तों पर चलते चलते मंजिल का ख्याल ना आये तो आप सही रास्ते
सभी की खुशियों का ख्याल रखते-रखते हम बड़े हो जाते हैं, फिर एक दिन अचानक ही अपनी खुशी गायब हम पाते हैं।
सभी की खुशियों का ख्याल रखते-रखते हम बड़े हो जाते हैं फिर एक दिन अचानक ही अपनी खुशी गायब हम पाते हैं।