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मैं उस दरख्त की तरह हूं जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।

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लोग गिरे हुए मकानों की ईंटें तक चुरा ले जाते हैं इसलिए अपने हौसलों को कभी गिरने मत दो।
कहते हैं कि दूसरों से हमें एक नजर में भी प्यार हो जाता है। फिर खुद से प्यार का हुनर सीखने में पूरी उम्र क्यों लग जाती है
जो बहार की सुनता है वो बिखर जाता है, जो भीतर भी सुनता है वो सवर जाता
मैं गलत हो सकता सकती हूं, लेकिन नकारा नहीं। खराब घड़ी भी दिन में एक बार सही समय बताती है।
सभी की खुशियों का ख्याल रखते-रखते हम बड़े हो जाते हैं फिर एक दिन अचानक ही अपनी खुशी गायब हम पाते हैं।
जिंदगी मिलती सबको एक सी है बस इसे जीने के तरीके अलग होते हैं।
हवाओं के भरोसे मत उड़,चट्टाने तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं,अपने पंखों पर भरोसा रख,हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं ये शायरी कहती है कि खुद पर भरोसा रखना सबसे ज्यादा जरूरी है।
भरोसा भी बड़ी अजीब चीज है। खुद पर करो तो यह आपकी सबसे बड़ी ताकत है और दूसरों पर करो तो यही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी भी है।
मैं उस दरख्त की तरह हूं, जिसके पत्ते रोज गिरकर जमीन पर बिखर जाते हैं, लेकिन वह हवाओं से अपना रिश्ता कभी नहीं बदलता।
प्यार करना सीखिए फिर वो खुद से ही क्यों न हो। आजकल नफरत तो हर कोई करता है।