#Quote

झूठ इसलिए बिक जाता है, क्योंकि सच खरीदने की हैसियत सबकी नही होती।

Facebook
Twitter
More Quotes
गलतियाँ जीवन का एक हिस्सा है, पर इन्हें स्वीकार करने का साहस बहुत कम लोगों में होता है।
गुरुर किस बात का साहब, आज मिट्टी के उपर, तो कल मिट्टी के निचे
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो. सहारे कितने भी भरोसेमंद हो, एक दिन साथ छोड़ ही जाते है!
जीवन की एक कड़वी सच्चाई, यहां झूठ आसानी से बिक जाता है और सच को कोई खरीदना नहीं चाहता।
झूठ और दिखावे की रफ्तार कितनी भी तेज हो, पर मंजिल तक केवल सच ही पहुँचता है
रूठे हुए को मनाना जिंदगी है, दुसरों को हंसाना जिंदगी है। कोई जीतकर खुश हुआ तो क्या हुआ, सब कुछ हारकर मुस्कुराना भी जिंदगी है।
सच को तो तमीज़ ही नहीं बात करने की, झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है!
हम ज़िन्दगी भर जमीनों की कीमत पर इतराते रहे, हवा ने अपनी औकात मांगी तो खरीदी हुई ज़मीने बिक गयी।
इंसान का ‘ज़मीर’ और शतरंज का ‘वज़ीर’ एक जैसा होता है क्योकी अगर दोनो मर गए, तो खेल खत्म
जिंदगी में हर जगह हम जीत चाहते है..सिर्फ फूलवाले की दुकान ऐसी है, जहाँ हम कहते है की हार चाहिए..क्योकि हम मगवान से जीत नहीं सकते