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सारी उम्र गुज़री यूं ही रिश्तों की तुरपाई में, मन के रिश्ते पक्के निकले, बाकि उधड़ गए कच्ची सिलाई में

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खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो. सहारे कितने भी भरोसेमंद हो, एक दिन साथ छोड़ ही जाते है!
क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल न हो सका
ताश का जोकर और अपनों की ठोकर अक्सर बाजी घुमा देते हैं।
पैसे को दिमाग में नही जेब मे रखना चाहये, रिश्तों को खुले में नही दिलों में रखना चाहिये!
तीन चीजें उम्र के साथ और अधिक कीमती हो जाती हैं – जलाने के लिए पुरानी लकड़ी, पढने के लिए पुरानी किताबें और आनंद लेने के लिए पुराने दोस्त।
अपने रिश्तो को उस ताले की तरह बनाओ जिसे हथोड़े की चोट तो मंजूर हो, मगर किसी दूसरी चाबी से खुलना मंजूर नहीं.
हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
हमें उम्र से हमने तुमको चाहा है, जिस उम्र में हम जिस्म से वकीफ ना थे..
रूठे हुए को मनाना जिंदगी है, दुसरों को हंसाना जिंदगी है। कोई जीतकर खुश हुआ तो क्या हुआ, सब कुछ हारकर मुस्कुराना भी जिंदगी है।