#Hindi Quote
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आंसू किसी और के दुख को समझता नहीं है, और न ही किसी की खुशी को। - Franz Schubert
अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने, ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था मैंने
जो कर्म करने के बाद फल की भी इच्छा नही रखता, उसकी मदद के लिए तो खुद भगवान को रास्ता बनना पड़ता है।
नाज़ुक लगते थे जो लोग, वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले
आँसुओ का कोई वज़न नहीं होता, लेकिन निकल जाने पर मन हल्का हो जाता है
दर्द मुझको ढूंढ़ लेता है रोज़ नए बहाने से वो हो गया वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से
यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी
हर किसी से महत्व पाने की इच्छा व्यक्ति को “नुकसान” पहुंचाती है.
मेरे ग़म का छोटा सा हिस्सा लेकर तो देखो , मरने की ख्वाहिश न करने लगे तो कहना
ये दिन भी क़यामत की तरह गुज़रा है न जाने क्या बात थी हर बात पर रोना आया