#Hindi Quote

हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है

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क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है।
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
न जाने कितने ही रिश्ते खत्म कर दिये इस भ्रम ने कि मैं सही हूं, सिर्फ मैं ही सही हूं
बहुत दुर तक जाना पड़ता है सिर्फ यह जानने के लिए..कि नज़दीक कौन है
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो. सहारे कितने भी भरोसेमंद हो, एक दिन साथ छोड़ ही जाते है!
इंसान का ‘ज़मीर’ और शतरंज का ‘वज़ीर’ एक जैसा होता है क्योकी अगर दोनो मर गए, तो खेल खत्म
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है, जो हासिल न हो सका
जिंदगी में हर जगह हम जीत चाहते है..सिर्फ फूलवाले की दुकान ऐसी है, जहाँ हम कहते है की हार चाहिए..क्योकि हम मगवान से जीत नहीं सकते
हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.
क्यां हुआ जो हम अब अजनबी बन गए, इतनी जल्दी दूरियाँ बढ़ गई