#Hindi Quote

झूठ इसलिए बिक जाता है, क्योंकि सच खरीदने की हैसियत सबकी नही होती।

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हलके-हलके बढ़ रही है चेहरे की लकिरें; लगता है, नादानी और तजुर्बे का बंटवारा हो रहा है
जब इंसान की जरूरत बदल जाती है तो उसका आपसे बात करने का तरीका भी बदल जाता है।
वक्त जब शिकार करता है हर दिशा से वार करता है.
गुरुर किस बात का साहब, आज मिट्टी के उपर, तो कल मिट्टी के निचे
हजारों ख़्वाब टूटते हैं, तब कहीं एक सुबह होती है.
झूठ और दिखावे की रफ्तार कितनी भी तेज हो, पर मंजिल तक केवल सच ही पहुँचता है
लोग आपको नहीं आपके अच्छे वक़्त को अहमियत देते हैं
क्रोध हमेशा मूर्खता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है।
जीवन की एक कड़वी सच्चाई, यहां झूठ आसानी से बिक जाता है और सच को कोई खरीदना नहीं चाहता।
उस जगह पे हमेशा खामोश रहना, जहाँ दो कौड़ी के लोग अपनी हैसियत के गुण गाते हैं