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लम्हे तो है बीते सारे लेकिन लगते है आज भी जैसे हो वो कल
मैंने 'भगवान ' तो नहीं देखा फिर भी ' माँ ' के रूप मे उसका रूप देखा। मैनै ' जन्नत ' तो नहीं देखी फिर भी ' माँ ' के प्यार मे उसका ' दृश्य ' देखा
ऐसी दुनिया का आगाज़ करो जो कल करो सो आज़ करो - चंदन की कलम
दोस्त दिल रखने को करते हैं बहाने क्या किया रोज़ झूटी ख़बर-ए-वस्ल सुना जाते
मैंने सफलता के बारे में कभी सपना नहीं देखा। मैंने इसके लिए काम किया। ~ एस्टी लउडार
इंसान का असली चेहरा तब सामने आता हैं जब वो नशे में होता हैं... फिर चाहे नशा पैसे का हो, पद का हो, शक़्ल का हो या शराब का...
अस्तित्व की इस लड़ाई में एक संघर्ष दायित्व का भी है।
ज़िन्दगी के बहुत से इम्तिहान बाकी हैं अभी तो बस चलना सीखा है नापने को पूरी कायनात बाकी है। गिरूंगा सीखूंगा उठूंगा अभी सीखने को पूरा संसार बाकी है।
कौन ज्यादा मजबूर है वो जो सड़कों पर सुकून की नींद सोता है या वो जो लाखों के घर में भी नींद के लिये तरसता है।
दिल के रिश्तों में पैसों का हिसाब नही होता... क्यूं की पैसों से चीजों का सौदा होता है , इंसानों का नहीं, और अगर हो सौदा रिश्तों में तो वो रिश्ता दिल से नही होता - prabhamayee parida